अलविदा अच्युत पोतदार: सिनेमा के ‘प्रोफेसर’ ने लिया आखिरी विदाई का सलाम, 125 फिल्मों की कहानी छोड़ गए! | Alvida Achyut Potdar: Cinema Ke ‘Professor’ Ne Liya Aakhri Vidaai Ka Salaam, 125 Filmon Ki Kahani Chhod Gaye!
अलविदा अच्युत पोतदार: सिनेमा के ‘प्रोफेसर’ ने लिया आखिरी विदाई का सलाम, 125 फिल्मों की कहानी छोड़ गए!
बॉलीवुड और मराठी सिनेमा के एक ऐसे सितारे, जिन्होंने अपनी एक्टिंग से हमें हंसाया, रुलाया और सोचने पर मजबूर किया, अब हमारे बीच नहीं रहे। जी हां, हम बात कर रहे हैं दिग्गज अभिनेता अच्युत पोतदार की, जिन्होंने 91 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। मुंबई के ठाणे स्थित जुपिटर हॉस्पिटल में सोमवार को उनका निधन हो गया। 125 से ज्यादा फिल्मों और 100 से अधिक टीवी शोज में अपनी अदाकारी का जादू बिखेरने वाले अच्युत जी का जाना सिनेमा जगत के लिए एक बड़ा नुकसान है। उनके अंतिम संस्कार मंगलवार को मुंबई में किए गए।
तो चलिए, आज हम उनकी जिंदगी के कुछ अनसुने किस्सों, उनकी फिल्मी सफर की कहानियों और उन किरदारों की बात करेंगे, जिन्होंने हमें उनके दीवाने बना दिया। साथ ही, कुछ चटपटे डायलॉग्स और फिल्मी संदर्भों के साथ इस आर्टिकल को और भी मज़ेदार बनाएंगे।
**सिनेमा का वो प्रोफेसर, जिसने हमें पढ़ाया जिंदगी का पाठ
अगर आपने आमिर खान की सुपरहिट फिल्म ‘3 इडियट्स’ देखी है, तो अच्युत पोतदार को भूलना नामुमकिन है। वो सख्त मिजाज प्रोफेसर, जो रैंचो (आमिर खान) को ताने मारते हुए कहता है, “तुम्हारे लिए इंजीनियरिंग क्या है? एक मज़ाक?” इस डायलॉग ने न सिर्फ फिल्म में जान डाली, बल्कि सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल मीम्स बने। अच्युत जी ने इस छोटे से किरदार में भी इतनी गहराई डाल दी कि आज भी लोग उनके डायलॉग को दोहराते नहीं थकते।
वैसे, एक बार आमिर खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि अच्युत जी सेट पर इतने डेडिकेटेड थे कि वो हर सीन को पहले रिहर्सल करते थे, ताकि कोई गलती न हो। आमिर ने हंसते हुए कहा था, “अच्युत जी सेट पर प्रोफेसर कम, हमारे टीचर ज्यादा लगते थे। हमें सिखाते थे कि कैसे डायलॉग में जान डालनी है।”
**125 फिल्मों का सफर: हर किरदार में नई कहानी
अच्युत पोतदार का फिल्मी करियर किसी खजाने से कम नहीं। 1980 के दशक में शुरू हुआ उनका सफर हिंदी और मराठी सिनेमा में एक मील का पत्थर बन गया। ‘आक्रोश’, ‘अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है’, ‘अर्ध सत्य’, ‘तेज़ाब’, ‘परिंदा’ जैसी फिल्मों में उन्होंने गंभीर किरदार निभाए, तो वहीं ‘रंगीला’, ‘इश्क’, ‘हम साथ-साथ हैं’ और ‘लगे रहो मुन्नाभाई’ में उनकी कॉमेडी और सपोर्टिंग रोल्स ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
उनके एक पुराने को-एक्टर ने बताया कि ‘तेज़ाब’ के सेट पर अच्युत जी ने एक बार अनिल कपूर को मज़ाक में कहा था, “अरे अनिल, तू तो एकदम ‘1, 2 का 4’ करता है, लेकिन मैं पुराना खिलाड़ी हूं, मेरे डायलॉग सुन ले!” ये सुनकर सेट पर सब हंस पड़े थे। वाकई, उनके डायलॉग डिलीवरी का अंदाज़ इतना शानदार था कि हर सीन में वो छा जाते थे।
निर्देशक हंसल मेहता ने भी उनके निधन पर शोक जताते हुए ट्विटर पर लिखा कि वो उनके किरदार ‘जग्गू दादा के पिता’ (फिल्म ‘अंगार’) के बहुत बड़े फैन थे। हंसल ने लिखा, “उनका वो डायलॉग ‘ए जग्गू’ सुनकर मैं उनका परमानेंट फैन बन गया। मेरी पहली फिल्म ‘जयते’ में उनके साथ काम करना सौभाग्य की बात थी। उनका ह्यूमर और टाइमिंग कमाल की थी।”
**फौज से फिल्म तक: एक अनोखी कहानी
क्या आप जानते हैं कि अच्युत पोतदार ने अपने करियर की शुरुआत एक्टिंग से नहीं, बल्कि भारतीय सेना में सेवा देकर की थी? जी हां, उन्होंने देश की रक्षा में अपना योगदान दिया और बाद में इंडियन ऑयल कंपनी में काम किया। लेकिन एक्टिंग का जुनून उन्हें फिल्मी दुनिया में ले आया। 80 के दशक में जब उन्होंने फिल्मों में कदम रखा, तो उनकी उम्र 40 के पार थी। लेकिन उम्र ने कभी उनकी राह में रुकावट नहीं डाली।
एक पुराने इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “जिंदगी एक फिल्म की तरह है, हर सीन में नया किरदार निभाना पड़ता है। मैंने फौज में डिसिप्लिन सीखा, और सिनेमा में उसे अप्लाई किया।” उनकी ये बातें आज भी हमें प्रेरित करती हैं।
वैसे, उनके एक पुराने दोस्त ने एक मज़ेदार किस्सा शेयर किया कि सेट पर वो अक्सर कहते थे, “अरे, ये सीन तो ‘शोले’ जैसा होना चाहिए, बस थोड़ा मसाला डाल दो!” और सच में, उनके हर किरदार में वो मसाला दिखता था।
**टीवी से लेकर सिल्वर स्क्रीन तक: हर जगह छाए
अच्युत जी ने न सिर्फ फिल्मों में, बल्कि टीवी सीरियल्स में भी अपनी छाप छोड़ी। करीब 100 टीवी शोज में काम करने वाले अच्युत जी को घर-घर में पहचाना जाने लगा। उनकी एक्टिंग में एक अजीब सी सादगी थी, जो दर्शकों को अपनी ओर खींच लेती थी। चाहे वो ‘दबंग 2’ में पुलिस ऑफिसर का रोल हो या ‘वेंटिलेटर’ में एक बुजुर्ग का किरदार, हर बार उन्होंने हमें हैरान किया।
उनके साथ काम कर चुके एक जूनियर एक्टर ने बताया कि अच्युत जी सेट पर नए कलाकारों को हमेशा गाइड करते थे। एक बार एक नर्वस एक्टर को उन्होंने कहा, “अरे, टेंशन मत ले, बस सोच कि तू ‘मुगल-ए-आज़म’ का अकबर है, सब लोग तेरे डायलॉग सुनने को तरस रहे हैं!” ये सुनकर वो एक्टर हंस पड़ा और उसका कॉन्फिडेंस वापस आ गया।
**दर्शकों का प्यार और सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि
अच्युत पोतदार के निधन की खबर सुनते ही सोशल मीडिया पर फैंस ने उन्हें श्रद्धांजलि देना शुरू कर दिया। एक फैन ने लिखा, “3 इडियट्स का प्रोफेसर अब हमारे बीच नहीं रहा, लेकिन उनके डायलॉग हमेशा जिंदा रहेंगे।” एक और यूजर ने लिखा, “अच्युत जी, आपकी एक्टिंग ने हमें बहुत कुछ सिखाया। आपकी फिल्में देखकर ही तो हमने जिंदगी के ‘ऑल इज़ वेल’ का मंत्र सीखा।”
**अंतिम विदाई: एक सितारा जो हमेशा चमकेगा
अच्युत पोतदार का जाना सिनेमा जगत के लिए एक खालीपन छोड़ गया है। उनकी फिल्में, उनके किरदार और उनका ह्यूमर हमें हमेशा याद रहेगा। आखिर में, बस यही कहना चाहूंगा कि सिनेमा की दुनिया में वो एक ऐसे ‘गब्बर’ थे, जिन्होंने हर सीन में कहा, “हंसते-हंसते लोग पागल हो गए!”
तो चलिए, उनकी याद में एक बार फिर ‘3 इडियट्स’ का वो डायलॉग दोहराएं, “सक्सेस के पीछे मत भागो, एक्सीलेंस के पीछे भागो। सक्सेस झक मार के पीछे आएगी!” अच्युत जी, आपने एक्सीलेंस हासिल की, और हमारा दिल जीत लिया। अलविदा, सिनेमा के प्रोफेसर!
(लेखक का नोट: ये आर्टिकल उन सभी फैंस के लिए है, जो अच्युत पोतदार की एक्टिंग के दीवाने थे। अगर आपके पास भी उनके साथ जुड़ा कोई किस्सा है, तो कमेंट में जरूर शेयर करें।)