गोलमाल (1979) – विस्तृत मूवी रीकैप
निर्देशक: ऋषिकेश मुखर्जी
लेखक: शैलेश दवे, रमेश पंत
कलाकार: अमोल पालेकर, उत्पल दत्त, बिंदिया गोस्वामी, दीना पाठक, देवेन वर्मा, ओम प्रकाश
संगीत: राहुल देव बर्मन
शैली: कॉमेडी, ड्रामा
भूमिका
“गोलमाल” भारतीय सिनेमा की सबसे बेहतरीन और क्लासिक कॉमेडी फिल्मों में से एक है।
- ऋषिकेश मुखर्जी की हल्की-फुल्की लेकिन जबरदस्त कॉमेडी।
- अमोल पालेकर का डबल रोल ड्रामा और उत्पल दत्त की शानदार कॉमिक टाइमिंग ने इसे ब्लॉकबस्टर बना दिया।
- यह फिल्म बिना किसी ओवर-द-टॉप एक्शन या जबरदस्ती के हंसी-मजाक के भी हिंदी सिनेमा की सबसे मजेदार फिल्मों में से एक बनी।
कहानी
प्रारंभ: रामप्रसाद की नौकरी की तलाश
- कहानी की शुरुआत होती है रामप्रसाद शर्मा (अमोल पालेकर) से, जो एक सीधा-साधा और मेहनती नौजवान होता है।
- उसे अपने परिवार की आर्थिक मदद के लिए नौकरी की सख्त जरूरत होती है।
- एक दिन, उसे भवानी शंकर (उत्पल दत्त) की कंपनी में नौकरी मिलती है।
- भवानी शंकर एक अनुशासनप्रिय, पुराने विचारों वाला मालिक होता है, जो दाढ़ी-मूंछ वाले और गंभीर लड़कों को पसंद करता है।
- रामप्रसाद अपनी ईमानदारी और शरीफ स्वभाव के कारण नौकरी पा जाता है।
झूठ की शुरुआत – लक्ष्मणप्रसाद का निर्माण
- रामप्रसाद की जिंदगी मजे में चल रही होती है, लेकिन एक दिन वह अपने दोस्तों के साथ हॉकी मैच देखने चला जाता है।
- वह मैच में मौज-मस्ती कर रहा होता है, लेकिन तभी उसे वहां भवानी शंकर भी दिख जाता है।
- रामप्रसाद नौकरी खोने के डर से झूठ बोल देता है कि वह उसका जुड़वां भाई लक्ष्मणप्रसाद है, जो एक आधुनिक, बेपरवाह और लापरवाह इंसान है।
- अब वह दोहरी जिंदगी जीने को मजबूर हो जाता है – ऑफिस में सीधा-साधा रामप्रसाद और बाहर बेपरवाह लक्ष्मणप्रसाद।
भवानी शंकर का शक और समस्या बढ़ती है
- भवानी शंकर को रामप्रसाद और लक्ष्मणप्रसाद के बारे में शक होने लगता है।
- वह इस सच को जानने के लिए जासूस (देवेन वर्मा) को भेजता है, लेकिन रामप्रसाद चालाकी से बच निकलता है।
- भवानी शंकर को लक्ष्मणप्रसाद के मॉडर्न लुक और मस्तीभरे अंदाज से प्रभावित होने लगता है और उसे अपनी बेटी उर्मिला (बिंदिया गोस्वामी) के लिए सही लड़का मान लेता है।
गाना:
- “आने वाला पल जाने वाला है” – फिल्म का सबसे खूबसूरत और लोकप्रिय गाना।
लक्ष्मणप्रसाद बनाम रामप्रसाद – झूठ का जाल बढ़ता जाता है
- भवानी शंकर लक्ष्मणप्रसाद को अपनी बेटी से शादी करने के लिए कहता है।
- अब रामप्रसाद उलझ जाता है क्योंकि वह खुद उर्मिला से प्यार करने लगा है।
- झूठ को छुपाने के लिए वह एक नकली मां (दीना पाठक) को भी बुला लेता है।
- अब कहानी एक जबरदस्त कॉमेडी में बदल जाती है, जहां हर कोई कंफ्यूजन में फंस जाता है।
क्लाइमैक्स – सच का खुलासा और गोलमाल की समाप्ति
- अंत में, भवानी शंकर को सच पता चल जाता है कि रामप्रसाद और लक्ष्मणप्रसाद एक ही इंसान हैं।
- पहले तो भवानी शंकर बहुत गुस्सा होता है, लेकिन बाद में रामप्रसाद की ईमानदारी को देखकर उसे माफ कर देता है।
- रामप्रसाद और उर्मिला की शादी हो जाती है, और फिल्म का अंत एक मजेदार और खुशहाल मोड़ पर होता है।
फिल्म की खास बातें
1. अमोल पालेकर का डबल रोल मास्टरपीस था
- रामप्रसाद और लक्ष्मणप्रसाद – एक ही इंसान लेकिन दो बिल्कुल अलग व्यक्तित्व!
- उनकी कॉमिक टाइमिंग और मासूमियत ने फिल्म को बेहद खास बना दिया।
2. उत्पल दत्त का ज़बरदस्त अभिनय
- भवानी शंकर अपने सख्त, दकियानूसी और मजाकिया अंदाज के लिए सबसे यादगार किरदारों में से एक बन गया।
- उनकी एक्सप्रेशन्स और संवाद फिल्म की जान थे।
3. ऋषिकेश मुखर्जी का सादा लेकिन प्रभावशाली निर्देशन
- बिना किसी बेवजह के मेलोड्रामा और मसाले के, यह फिल्म अपनी सादगी और वास्तविकता के कारण इतनी मजेदार बनी।
- हल्के-फुल्के हास्य और गलतफहमी से भरी कहानियों में ऋषिकेश मुखर्जी का कोई मुकाबला नहीं था।
4. राहुल देव बर्मन का अमर संगीत
- “आने वाला पल जाने वाला है” – यह गाना आज भी अमर है।
- “गोलमाल है भई सब गोलमाल है” – फिल्म का थीम सॉन्ग, जो कहानी को परफेक्ट तरीके से परिभाषित करता है।
5. बिना किसी ओवर-द-टॉप कॉमेडी के हल्की-फुल्की हंसी
- फिल्म में कोई फालतू मजाक नहीं था, बल्कि पूरी कहानी मजेदार स्थितियों और शानदार अभिनय पर आधारित थी।
- यह फिल्म हर उम्र के दर्शकों के लिए एक बेहतरीन पारिवारिक मनोरंजन थी।
निष्कर्ष
“गोलमाल” भारतीय सिनेमा की सबसे बेहतरीन कॉमेडी फिल्मों में से एक है, जिसे जितनी बार देखो, उतनी ही ज्यादा हंसी आती है!
“अगर आपने ‘गोलमाल’ नहीं देखी, तो आपने हिंदी सिनेमा की सबसे चतुर और मजेदार फिल्म मिस कर दी!”
“गोलमाल है भई सब गोलमाल है!” – यह सिर्फ एक गाना नहीं, बल्कि इस फिल्म की आत्मा है!
Best Dialogues and Quotes
1. “Aapko maarne ka samay aur jagah hum bataayenge.”
इस संवाद में अनुशासन और योजना का महत्व बताया गया है। जीवन में अनुशासन से सफलता पाई जा सकती है।
2. “Gol Maal hai bhai sab Gol Maal hai.”
यह संवाद बताता है कि जीवन में कई बार चीजें उलझी हुई होती हैं, जिनका सामना हम हंसी-मजाक में भी कर सकते हैं।
3. “Woh purush hi kya jo dar gaya.”
यह संवाद साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक है। जीवन में डर के बिना आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
4. “Mujhe voh log bilkul pasand nahi jo career ko lekar serious nahi hote.”
यह संवाद करियर के प्रति गंभीर रहने की सीख देता है, जो जीवन में सफलता के लिए आवश्यक है।
5. “Bade bade deshon mein aisi chhoti chhoti baatein hoti rehti hain.”
छोटी-छोटी समस्याओं को जीवन में ज्यादा महत्व नहीं देना चाहिए, यह संवाद इसी बात का उदाहरण है।
6. “Jamana badal gaya hai Dadaji, aap nahi samjhenge.”
यह संवाद पीढ़ियों के बीच के अंतर को दर्शाता है और बदलाव को स्वीकार करने की सीख देता है।
7. “Hum bhi wahi karte hain jo humara dil kehta hai.”
इस संवाद में दिल की सुनने और अपने रास्ते पर चलने की प्रेरणा दी गई है।
8. “Jhoot bole kauwa kaate.”
यह संवाद हमें झूठ बोलने के नकारात्मक परिणामों से आगाह करता है।
9. “Koi kaam chhota ya bada nahi hota.”
इस संवाद में किसी भी कार्य को समान महत्व देने की बात कही गई है।
10. “Zindagi mein kabhi kisi se darna nahi chahiye.”
यह संवाद हमें जीवन में निर्भीक रहने की प्रेरणा देता है।
11. “Naam mein kya rakha hai?”
यह संवाद हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि व्यक्ति की पहचान उसके कर्मों से होती है, नाम से नहीं।
12. “Apne kaam se kaam rakho.”
इस संवाद में अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने की सीख दी गई है।
13. “Zindagi ek rangmanch hai.”
यह संवाद जीवन को एक नाटक के रूप में देखने की प्रेरणा देता है, जिसमें हम सभी कलाकार हैं।
14. “Samay ka mahatva samjho.”
यह संवाद समय की कीमत को समझने और उसका सदुपयोग करने की प्रेरणा देता है।
15. “Haste raho, muskurate raho.”
इस संवाद में जीवन में खुश रहने और मुस्कुराते रहने की प्रेरणा दी गई है।
16. “Yeh zindagi hai, isse khulkar jeeyo.”
यह संवाद जीवन को पूरी तरह से जीने की प्रेरणा देता है।
17. “Kismat bhi kabhi kabhi saath deti hai.”
इस संवाद में भाग्य के महत्व को स्वीकार करने की बात कही गई है।
18. “Zindagi mein kabhi haar mat manao.”
यह संवाद हमें जीवन में कभी हार न मानने की प्रेरणा देता है।
19. “Har kisi ki apni kahani hoti hai.”
यह संवाद बताता है कि हर व्यक्ति की अपनी एक अनोखी कहानी होती है, जिसे समझने की कोशिश करनी चाहिए।
20. “Khush rehne ke liye bahut kuch chahiye hota hai.”
इस संवाद में खुशी के लिए कई चीजों की आवश्यकता को दर्शाया गया है।
Interesting Facts
फैक्ट: फिल्म का वास्तविक नाम
फिल्म “गोल माल” का वास्तविक नाम “गोलमाल इन बॉम्बे” था, लेकिन बाद में इसे “गोल माल” कर दिया गया।
फैक्ट: उत्पत्ति की प्रेरणा
फिल्म की कहानी शेक्सपियर की कॉमेडी ऑफ एरर्स से प्रेरित थी, जो गलत पहचान पर आधारित है।
फैक्ट: अभिनय में विविधता
अमोल पालेकर, जो साधारणतः गंभीर भूमिकाओं के लिए जाने जाते थे, ने इस फिल्म में अपने हास्य प्रदर्शन से दर्शकों को चौंका दिया।
फैक्ट: गाने का अनोखा राग
फिल्म के प्रसिद्ध गीत “आने वाला पल” का संगीत राग भैरवी पर आधारित था, जो इसे विशेष बनाता है।
फैक्ट: उत्पत्ति की प्रेरणा
फिल्म का प्लॉट अमोल पालेकर के वास्तविक जीवन के अनुभवों से भी प्रेरित था, जब वे नौकरी की तलाश कर रहे थे।
फैक्ट: निर्देशक के लिए चुनौती
ऋषिकेश मुखर्जी ने इस फिल्म को बहुत ही छोटे बजट में बनाया था, फिर भी यह एक ब्लॉकबस्टर साबित हुई।
फैक्ट: अभिनेताओं की अनूठी जोड़ी
अमोल पालेकर और उत्पल दत्त की जोड़ी को दर्शकों ने बहुत पसंद किया, और यह जोड़ी बाद में कई फिल्मों में नजर आई।
फैक्ट: फिल्म में मशहूर गेस्ट अपीयरेंस
इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने एक छोटी सी गेस्ट अपीयरेंस की थी, जो दर्शकों के लिए एक सरप्राइज था।
फैक्ट: पुरस्कार और सम्मान
गोल माल ने 27वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में चार पुरस्कार जीते थे, जिनमें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी शामिल था।