निर्देशक: राकेश रोशन
निर्माता: राकेश रोशन (फ़िल्मक्राफ्ट प्रोडक्शंस)
रिलीज़ वर्ष: 2006
शैली (Genre): सुपरहीरो, साइंस फिक्शन, एक्शन
मुख्य कलाकार: ऋतिक रोशन (कृष/कृष्ण मेहरा), प्रियांका चोपड़ा (प्रिया), रेखा (सोनिया मेहरा), नसीरुद्दीन शाह (डॉ. सिद्धांत आर्य)
कहानी का संक्षिप्त परिचय: रोहित मेहरा के बेटे कृष्ण को जन्म से ही अलौकिक शक्तियां प्राप्त हैं। एक वैज्ञानिक के बुरे इरादों से लड़ते हुए, वह ‘कृष’ नाम के सुपरहीरो के रूप में दुनिया को बचाने की जिम्मेदारी निभाता है। यह कोई… मिल गया का सीक्वल है और भारतीय सिनेमा के प्रमुख सुपरहीरो फ्रेंचाइज़ी की शुरुआत करता है।
Director
राकेश रोशन (Rakesh Roshan)
Lead Cast
ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan), प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra), रेखा (Rekha), नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah)
Producer
राकेश रोशन (Rakesh Roshan)
Music Composer
राजेश रोशन (Rajesh Roshan)
Cinematography
संदीप चौटा (Sandeep Chowta)
Release Year
2006
Genre
सुपरहीरो, विज्ञान कथा (Superhero, Science Fiction)
Language
हिंदी (Hindi)
“Krrish” is a sequel to the movie “Koi… Mil Gaya” and is part of the Krrish film series, known for its unique blend of science fiction and superhero elements, making it a significant film in Indian cinema.
🎙️🎬Full Movie Recap
Movies Philosophy में आपका स्वागत है!
नमस्ते दोस्तों, स्वागत है हमारे पॉडकास्ट *Movies Philosophy* में, जहाँ हम भारतीय सिनेमा की गहराइयों में डुबकी लगाते हैं और कहानियों के पीछे छुपे भावनाओं, थीम्स और दर्शन को उजागर करते हैं। आज हम बात करेंगे एक ऐसी फिल्म की, जिसने सुपरहीरो жанр को भारतीय सिनेमा में एक नया आयाम दिया। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं 2006 की ब्लॉकबस्टर फिल्म *कृष* की, जिसमें हृतिक रोशन ने कृष्णा उर्फ कृष के किरदार में जान डाल दी। तो चलिए, इस फिल्म की कहानी को फिर से जीते हैं, इसके किरदारों की भावनाओं को समझते हैं और उन डायलॉग्स को सुनते हैं, जो दिल को छू जाते हैं।
परिचय: एक सुपरहीरो की उत्पत्ति
कृष* एक ऐसी कहानी है जो पारिवारिक रिश्तों, प्यार, विश्वासघात और बलिदान के इर्द-गिर्द घूमती है। यह फिल्म हमें एक ऐसे लड़के कृष्णा मेहरा की यात्रा पर ले जाती है, जो अपने पिता रोहित मेहरा से मिली अलौकिक शक्तियों के साथ पैदा होता है। रोहित, जिन्हें एक नीले रंग के एलियन जादू से ये शक्तियाँ मिली थीं, सिंगापुर में एक वैज्ञानिक प्रोजेक्ट के दौरान गायब हो जाते हैं और माना जाता है कि उनकी मृत्यु हो गई। इस दुखद खबर से रोहित की पत्नी निशा टूट जाती हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है, जिसके बाद कृष्णा की दादी सोनिया (रेखा) उसे लेकर एक दूरदराज के पहाड़ी गाँव में चली जाती हैं ताकि उसकी शक्तियों को दुनिया की नजरों से छुपाया जा सके। लेकिन क्या शक्तियाँ छुपी रह सकती हैं? क्या कृष्णा अपनी पहचान को गुप्त रख पाएगा? यही इस कहानी का मूल है।
कहानी: प्यार और विश्वासघात का सफर
कृष्णा (हृतिक रोशन) बड़ा होकर एक मजबूत, संवेदनशील और अलौकिक शक्तियों से भरपूर युवा बनता है। वह जानवरों से बात कर सकता है, ऊँची छलांग लगा सकता है और ताकत में किसी से कम नहीं। लेकिन उसकी जिंदगी में एक नया मोड़ तब आता है, जब वह प्रिया (प्रियंका चोपड़ा) से मिलता है, जो अपनी दोस्त हनी (मनीनी मिश्रा) के साथ उसके गाँव में कैंपिंग के लिए आई होती है। एक हादसे में कृष्णा प्रिया की जान बचाता है, और दोनों के बीच दोस्ती प्यार में बदलने लगती है। प्रिया सिंगापुर लौट जाती है, लेकिन कृष्णा के मन में उसके लिए गहरी भावनाएँ जाग उठती हैं। प्रिया उसे सिंगापुर बुलाती है, ताकि वह उसकी माँ से मिल सके और दोनों शादी कर सकें।
कृष्णा की दादी सोनिया को यह बात पसंद नहीं आती। वह कृष्णा को समझाती हैं, “बेटा, ये दुनिया तेरी शक्तियों को समझ नहीं पाएगी, वो बस तेरा फायदा उठाएंगे। तेरे बाप के साथ भी यही हुआ था।” लेकिन कृष्णा का दिल प्रिया के लिए धड़कता है, और वह वादा करता है कि वह अपनी शक्तियों को गुप्त रखेगा। यहाँ एक डायलॉग जो कृष्णा की मासूमियत और दादी के डर को दर्शाता है, “दादी, मैं वादा करता हूँ, कोई नहीं जानेगा कि मैं कौन हूँ। मैं बस प्रिया के साथ अपनी जिंदगी शुरू करना चाहता हूँ।”
सिंगापुर पहुँचने के बाद कृष्णा को एक कड़वा सच पता चलता है। प्रिया और हनी, जो अपनी नौकरी बचाने के लिए परेशान हैं, कृष्णा की शक्तियों का इस्तेमाल एक टीवी शो के लिए करना चाहती हैं। शुरू में कृष्णा को इस बात का अंदाजा नहीं होता, लेकिन जब उसे प्रिया की सच्चाई पता चलती है, उसका दिल टूट जाता है। वह प्रिया से कहता है, “प्रिया, मैंने तुम पर भरोसा किया, लेकिन तुमने मुझे सिर्फ एक कहानी बनाना चाहा। क्या मेरा प्यार तुम्हारे लिए इतना सस्ता था?”
चरमोत्कर्ष: कृष बनने की कहानी और पिता की खोज
कृष्णा की जिंदगी में एक नया मोड़ तब आता है, जब सिंगापुर में एक सर्कस के दौरान आग लग जाती है और कई बच्चे फँस जाते हैं। कृष्णा के सामने एक धर्मसंकट होता है – क्या वह अपनी शक्तियों को छुपाए रखे या बच्चों की जान बचाए? आखिरकार, वह एक टूटे हुए जोकर मास्क और उल्टे जैकेट के साथ ‘कृष’ बनकर बच्चों को बचाता है। यहाँ से कृष का जन्म होता है – एक सुपरहीरो जो अपनी पहचान छुपाकर लोगों की मदद करता है। इस सीन में एक डायलॉग जो कृष की भावना को दर्शाता है, “मैं कौन हूँ, ये मायने नहीं रखता। मायने रखता है कि मैं किसी की जान बचा सकूँ।”
इसी बीच, कृष्णा को पता चलता है कि उसका पिता रोहित (हृतिक रोशन) जिंदा है और डॉ. सिद्धांत आर्या (नसीरुद्दीन शाह) के कब्जे में है। डॉ. आर्या एक ऐसा सुपरकंप्यूटर बनाना चाहता है, जो भविष्य देख सके और वह खुद को ब्रह्मांड का भगवान साबित करना चाहता है। रोहित को उसने कैद कर रखा है, क्योंकि रोहित ने उसकी मशीन को नष्ट कर दिया था। कृष्णा अपने पिता को बचाने के लिए डॉ. आर्या के द्वीप पर पहुँचता है। वहाँ एक जोरदार लड़ाई होती है, जहाँ कृष अपनी शक्तियों का पूरा इस्तेमाल करता है। इस दौरान वह प्रिया को भी बचाता है, जो अब तक अपनी गलती समझ चुकी है और कृष्णा से सच्चा प्यार करने लगी है।
चरमोत्कर्ष के समय, जब कृष डॉ. आर्या को हराता है, वह उससे पूछता है, “तू कौन है?” कृष जवाब देता है, “मैं कृष हूँ, रोहित मेहरा का बेटा। और आज मैं अपने पिता को आजाद कराने आया हूँ।” यह डायलॉग कृष की पहचान और उसके मिशन को सशक्त बनाता है। अंत में, कृष अपने पिता रोहित और प्रिया को लेकर भारत लौटता है, जहाँ रोहित अपनी माँ सोनिया से मिलता है। रोहित जादू को बुलाता है, और दूर से उसकी अंतरिक्ष यान दिखाई देती है – एक भावनात्मक अंत जो परिवार के पुनर्मिलन को दर्शाता है।
थीम्स और भावनात्मक गहराई
कृष* सिर्फ एक सुपरहीरो फिल्म नहीं है; यह परिवार, विश्वास और बलिदान की कहानी है। फिल्म हमें दिखाती है कि शक्तियाँ कितनी भी बड़ी क्यों न हों, असली ताकत दिल में होती है। कृष्णा का अपनी दादी के लिए सम्मान, प्रिया के लिए प्यार और पिता को बचाने की जिद – ये सब इस फिल्म को भावनात्मक रूप से गहरा बनाते हैं। प्रिया का किरदार हमें सिखाता है कि गलतियाँ हर इंसान से हो सकती हैं, लेकिन सच्चा प्यार और पश्चाताप रिश्तों को फिर से बना सकते हैं।
डॉ. सिद्धांत आर्या का किरदार लालच और सत्ता की भूख को दर्शाता है। वह कहता है, “मैं भविष्य को नियंत्रित करूँगा, मैं ही इस ब्रह्मांड का भगवान बनूँगा।” यह डायलॉग उसकी महत्वाकांक्षा और अहंकार को उजागर करता है, जो अंत में उसकी हार का कारण बनता है।
निष्कर्ष: एक यादगार सुपरहीरो की कहानी
कृष* भारतीय सिनेमा में सुपरहीरो жанр की एक मील का पत्थर है। हृतिक रोशन ने कृष्णा और कृष दोनों किरदारों में जान डाल दी, जबकि प्रियंका चोपड़ा ने प्रिया के किरदार को संवेदनशीलता के साथ निभाया। फिल्म का संदेश साफ है – सच्ची शक्ति प्यार और परिवार में होती है, न कि सत्ता या लालच में।
तो दोस्तों, यह थी *कृष* की कहानी, जो हमें सिखाती है कि हर इंसान के अंदर एक हीरो छुपा है, बस उसे सही समय पर बाहर आने की जरूरत है। अगर आपने यह फिल्म देखी है, तो हमें बताइए कि आपका पसंदीदा सीन कौन सा था। और अगर नहीं देखी, तो जरूर देखें। *Movies Philosophy* में फिर मिलेंगे एक नई कहानी के साथ। तब तक के लिए, नमस्ते!
🎥🔥Best Dialogues and Quotes
यहाँ Krrish (2006) के कुछ लोकप्रिय और यादगार डायलॉग्स दिए गए हैं, जो फिल्म के एक्शन, इमोशन और सुपरहीरो थीम को दर्शाते हैं:
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“Jahan na jaane suraj, wahan jaata hai Krrish.” – फिल्म का आइकॉनिक सुपरहीरो इंट्रो डायलॉग।
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“Agar tumhara dil saaf hai, toh tumhari taaqat bhi saaf hai.” – अच्छाई और शक्ति के रिश्ते पर प्रेरक संवाद।
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“Main tumhe bachane aaya hoon.” – सुपरहीरो की ज़िम्मेदारी और निडरता को दर्शाता हुआ।
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“Koi bhi taaqat insaaniyat se badi nahi hoti.” – फिल्म का मानवीय संदेश।
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“Tum mujhe rok nahi sakte, kyunki main sachai ke saath hoon.” – नायक और खलनायक के बीच का दृढ़ विश्वास।
मैं अपने दादा जी से वादा किया हूँ कि मैं किसी को अपने पास नहीं आने दूंगा।
जो भी होता है अच्छे के लिए होता है।
तू मेरी ताकत है, और तेरी खुशी ही मेरा मकसद।
अपने अंदर के शक्तियों को पहचानो।
मैं तुम्हें तुमसे ज्यादा प्यार करता हूँ।
हर चीज़ का एक वक्त होता है और वक्त आने पर सही चीज़ सामने आती है।
कभी-कभी हमें वो चीज़ें करनी पड़ती हैं जो हमें करनी नहीं चाहिए।
सपने देखो, क्योंकि सपने सच होते हैं।
उसके पास ताकत है, लेकिन मुझे उसकी जरूरत नहीं।
तुम्हारे साथ बिताया हर पल मेरे लिए अनमोल है।
🎭🔍 Behind-the-Scenes & Trivia
फिल्म ‘कृष’ के पीछे के रहस्यों में सबसे दिलचस्प बात यह है कि इसके निर्देशक राकेश रोशन ने इसकी कहानी को बेहद गुप्त रखा था। उन्होंने फिल्म के प्लॉट को छिपाने के लिए स्क्रिप्ट को अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया था, जिससे कोई भी कलाकार या क्रू मेम्बर समग्र कहानी को नहीं समझ सके। इसके अलावा, रितिक रोशन को इस फिल्म के लिए खासतौर पर एक्शन सीक्वेंस और स्टंट्स की ट्रेनिंग दी गई थी, जिसमें हॉलीवुड के मशहूर स्टंट डायरेक्टर्स का भी योगदान था। इस गुप्तता और तैयारी ने फिल्म को एक विशेष रहस्य और उत्सुकता का माहौल प्रदान किया।
‘कृष’ के निर्माण के दौरान कई दिलचस्प ट्रिविया सामने आए। क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म में रितिक रोशन ने खुद अपनी आवाज में गाने गाए थे? यह एक अप्रत्याशित निर्णय था, लेकिन इससे रितिक की बहुमुखी प्रतिभा का एक और पहलू दर्शकों के सामने आया। इसके अलावा, फिल्म में दिखाए गए कई दृश्य वास्तव में सिंगापुर में फिल्माए गए थे, और यह पहली भारतीय फिल्म थी जिसने वहां के प्रतिष्ठित स्थलों को इस तरह से प्रस्तुत किया। इसने न केवल फिल्म को एक अंतरराष्ट्रीय अपील दी, बल्कि दर्शकों को एक नया अनुभव भी प्रदान किया।
फिल्म में छिपे हुए ईस्टर एग्स भी हैं जो ध्यान देने लायक हैं। उदाहरण के लिए, फिल्म के क्लाइमेक्स के दौरान जो रोबोट दिखाई देता है, उसका डिज़ाइन 1980 के दशक की साइंस फिक्शन फिल्मों से प्रेरित था। इसके अलावा, फिल्म में एक दृश्य है जहां कृष एक बच्चे को बचाता है जो लाल केप पहने होता है – यह दृश्य सुपरमैन के प्रति एक छोटी सी श्रद्धांजलि थी। ये ईस्टर एग्स दर्शकों को फिल्म की गहराई में और अधिक डूबने का मौका देते हैं और फिल्म को और भी रोचक बनाते हैं।
फिल्म ‘कृष’ के पीछे की मनोविज्ञान भी काफी दिलचस्प है। यह फिल्म न केवल सुपरहीरो के कारनामों को दिखाती है, बल्कि उसके आंतरिक संघर्षों को भी उजागर करती है। कृष के किरदार के माध्यम से, फिल्म ने यह दर्शाने का प्रयास किया कि एक सुपरहीरो होना केवल शक्तियों का होना नहीं होता, बल्कि जिम्मेदारियों और नैतिक दुविधाओं का सामना करना भी होता है। यह पहलू दर्शकों को नायक के साथ एक भावनात्मक जुड़ाव महसूस करने में मदद करता है और उन्हें सोचने पर मजबूर करता है कि सच्ची शक्ति क्या होती है।
फिल्म ‘कृष’ का प्रभाव और विरासत भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण है। यह पहली बार था जब भारतीय दर्शकों ने एक ऐसी फिल्म देखी जिसमें सुपरहीरो को भारतीय संस्कृति और मूल्यों के साथ पेश किया गया। इसने न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल की, बल्कि भारतीय फिल्म निर्माताओं को भी प्रेरित किया कि वे अपनी जड़ों से जुड़े सुपरहीरो कहानियां बना सकते हैं। ‘कृष’ के बाद कई फिल्मों में इसी तरह के तत्व देखने को मिले, जो इसके प्रभाव का प्रमाण है।
अंत में, ‘कृष’ ने भारतीय सिनेमा में सुपरहीरो शैली की नींव रखी और इसे एक नई दिशा दी। इसने तकनीकी और विशेष प्रभावों के मामले में भी मानक बढ़ाए, जिससे भारतीय फिल्म उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। ‘कृष’ की सफलता ने यह सिद्ध किया कि भारतीय सिनेमा में भी बड़े पैमाने पर विजुअल इफेक्ट्स और एक्शन सीक्वेंस को प्रस्तुत करने की क्षमता है, जिससे इसकी विरासत और भी समृद्ध हो गई।
🍿⭐ Reception & Reviews
Krrish (2006) – समीक्षा, प्रतिक्रिया और रेटिंग्स (विस्तृत)
Krrish राकेश रोशन द्वारा निर्देशित और ऋतिक रोशन, प्रियांका चोपड़ा, नसीरुद्दीन शाह तथा रेखा अभिनीत एक भारतीय सुपरहीरो फिल्म है। यह Koi… Mil Gaya (2003) का सीक्वल है और भारतीय सिनेमा में सुपरहीरो जॉनर को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाती है। फिल्म 23 जून 2006 को रिलीज़ हुई और अपनी एक्शन, विजुअल इफेक्ट्स और म्यूजिक के लिए खूब चर्चा में रही।
कहानी और निर्देशन
कहानी कृष (ऋतिक रोशन) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने पिता रोहित मेहरा से मिले विशेष शक्तियों का उपयोग जरूरतमंदों की मदद के लिए करता है। सिंगापुर की पृष्ठभूमि में कहानी आगे बढ़ती है, जहां वह एक वैश्विक खतरे का सामना करता है। राकेश रोशन ने कहानी में रोमांस, ड्रामा और हाई-ऑक्टेन एक्शन का मिश्रण पेश किया है, हालांकि कुछ जगहों पर स्क्रिप्ट में लंबाई महसूस होती है।
अभिनय
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ऋतिक रोशन – डबल रोल (रोहित और कृष) में शानदार परफॉर्मेंस। फुर्तीला एक्शन और इमोशनल सीन दोनों में बेमिसाल।
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प्रियांका चोपड़ा – हल्के-फुल्के रोमांटिक और सपोर्टिव किरदार में प्रभावी।
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नसीरुद्दीन शाह – मुख्य खलनायक डॉ. सिद्धांत आर्य के रूप में दमदार, लेकिन किरदार और बेहतर लिखा जा सकता था।
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रेखा – दादी के रूप में कहानी में भावनात्मक गहराई जोड़ती हैं।
संगीत और तकनीकी पक्ष
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संगीत – राजेश रोशन का संगीत फिल्म का मजबूत पक्ष है। “Koi Tumsa Nahi” और “Pyaar Ki Ek Kahani” जैसे गाने लोकप्रिय हुए।
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विजुअल इफेक्ट्स – 2006 के भारतीय मानकों के अनुसार प्रभावशाली। एक्शन सीक्वेंस, छलांगें और फ्लाइट सीन अच्छी तरह फिल्माए गए हैं।
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सिनेमैटोग्राफी – कवि पंडित का कैमरा वर्क फिल्म को विजुअली ग्लैमरस और एडवेंचरस बनाता है।
आलोचनात्मक प्रतिक्रिया (Reception)
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Times of India – 3.5/5, “फैमिली एंटरटेनर जिसमें एक्शन और इमोशन दोनों हैं।”
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Rediff.com – 3/5, “एक अच्छा प्रयास, लेकिन कहानी में और कसावट हो सकती थी।”
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दर्शकों ने इसे बच्चों और युवाओं के बीच तुरंत हिट बना दिया।
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसे भारतीय सुपरहीरो सिनेमा के प्रतिनिधि के रूप में सराहा गया।
पुरस्कार और उपलब्धियाँ
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फिल्मफेयर अवॉर्ड्स – सर्वश्रेष्ठ एक्शन, विशेष प्रभाव और संगीत सहित कई श्रेणियों में पुरस्कार।
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बॉक्स ऑफिस – ₹72 करोड़ से अधिक की कमाई, 2006 की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक।
रेटिंग्स
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IMDb – 6.4/10
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दर्शक रेटिंग (औसत) – 3.5/5
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Rotten Tomatoes (Audience) – लगभग 74% सकारात्मक समीक्षा
Krrish भारतीय सिनेमा में सुपरहीरो फिल्मों की दिशा तय करने वाली फिल्म है। हालांकि इसकी कहानी में कुछ कमियां हैं, लेकिन ऋतिक रोशन का परफॉर्मेंस, म्यूजिक और विजुअल इफेक्ट्स इसे एक यादगार अनुभव बनाते हैं। यह फिल्म न केवल एक पीढ़ी के दर्शकों के लिए मनोरंजन का जरिया बनी, बल्कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में बड़े पैमाने पर सुपरहीरो प्रोजेक्ट्स के लिए रास्ता भी खोला।
कृश (2006): बॉक्स ऑफिस कलेक्शन और सिनेमाई प्रभाव
कृश (2006), राकेश रोशन द्वारा निर्देशित, भारतीय सिनेमा की पहली सुपरहीरो फिल्मों में से एक है, जो कोई… मिल गया (2003) का सीक्वल है। हृतिक रोशन, प्रियंका चोपड़ा, रेखा, और नसीरुद्दीन शाह जैसे सितारों से सजी यह फिल्म एक सुपरहीरो की कहानी है, जो अपनी शक्तियों का उपयोग दुनिया को बचाने के लिए करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम कृश के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन, इसकी समीक्षा, और इसके सांस्कृतिक महत्व पर चर्चा करेंगे, विशेष रूप से MoviePhilosophy वेबसाइट के पाठकों के लिए।
बॉक्स ऑफिस कलेक्शन
कृश ने 2006 में बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया, जिसने इसे उस समय की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक बनाया। बॉलीवुड हंगामा, सैकनिल्क, और बॉक्स ऑफिस इंडिया के अनुसार, फिल्म की कमाई निम्नलिखित रही:
- विश्वव्यापी ग्रॉस: ₹126.55 करोड़
- भारत नेट कलेक्शन: ₹72.15 करोड़
- भारत ग्रॉस कलेक्शन: ₹101.64 करोड़
- विदेशी ग्रॉस: $4.43 मिलियन (लगभग ₹24.91 करोड़, उस समय की विनिमय दर के आधार पर)
- पहले दिन का कलेक्शन (भारत): ₹6 करोड़
- पहला वीकेंड (भारत): ₹17.34 करोड़
- पहला सप्ताह (भारत): ₹29.30 करोड़
- बजट: ₹40 करोड़
- फुटफॉल्स: 1.96 करोड़ (भारत में टिकट बिक्री)
- एडजस्टेड नेट ग्रॉस (2025 तक): ₹188.65 करोड़ (मुद्रास्फीति के हिसाब से)
क्षेत्रीय कलेक्शन (भारत)
- मुंबई: ₹26.75 करोड़ (नेट)
- दिल्ली/यूपी: ₹16.01 करोड़ (नेट)
- पूर्वी पंजाब: ₹4.71 करोड़ (नेट)
- राजस्थान: ₹3.51 करोड़ (नेट)
- सीपी बerar: ₹3.18 करोड़ (नेट)
- निज़ाम/आंध्र: ₹4.02 करोड़ (नेट)
- पश्चिम बंगाल: ₹3.71 करोड़ (नेट)
विदेशी कलेक्शन
- यूनाइटेड किंगडम: £685,000 (पहला वीकेंड: £210,499)
- यूएसए/कनाडा: $1.85 मिलियन (पहला वीकेंड: $642,982)
- गल्फ: $810,000
- ऑस्ट्रेलिया: $175,000
विश्लेषण:
- ब्लॉकबस्टर स्थिति: कृश ने अपने ₹40 करोड़ के बजट के मुकाबले भारत में ₹72.15 करोड़ नेट और विश्व स्तर पर ₹126.55 करोड़ की कमाई की, जिससे यह एक ब्लॉकबस्टर हिट बनी। इसकी रिकॉर्ड-तोड़ ओपनिंग (₹6 करोड़) ने इसे 2006 की सबसे बड़ी ओपनिंग फिल्मों में से एक बनाया।
- दर्शक अपील: फिल्म की सफलता का श्रेय हृतिक रोशन की स्टार पावर, सुपरहीरो थीम, और परिवार-उन्मुख कहानी को दिया गया, जिसने बच्चों से लेकर वयस्कों तक सभी को आकर्षित किया।
- विदेशी प्रदर्शन: विदेशों में, खासकर यूके और यूएसए में, फिल्म ने भारतीय डायस्पोरा के बीच मजबूत प्रदर्शन किया, जो उस समय के लिए उल्लेखनीय था।
समीक्षा और स्वागत
कृश को समीक्षकों और दर्शकों से मिश्रित लेकिन ज्यादातर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। इसने भारतीय सिनेमा में सुपरहीरो जॉनर को लोकप्रिय बनाया।
- समीक्षकों की राय:
- टाइम्स ऑफ इंडिया: इसे 3.5/5 रेटिंग दी, इसे “भव्य और मनोरंजक” कहा। हृतिक के अभिनय, VFX, और राकेश रोशन के निर्देशन की तारीफ की गई।
- रेडिफ: फिल्म को “भारतीय सुपरहीरो सिनेमा की शुरुआत” माना, जिसमें हृतिक और प्रियंका चोपड़ा की केमिस्ट्री, साथ ही संगीत (“कोई तुमसा नहीं”) की सराहना की गई।
- कुछ आलोचकों ने हॉलीवुड सुपरहीरो फिल्मों से प्रेरणा और कमजोर VFX की आलोचना की, लेकिन कुल मिलाकर इसे एक साहसी प्रयास माना गया।
- दर्शकों की प्रतिक्रिया: दर्शकों ने हृतिक के सुपरहीरो अवतार, एक्शन सीक्वेंस, और भावनात्मक कहानी को खूब पसंद किया। फिल्म का सिंगापुर में सेट होना और इसका भव्य प्रोडक्शन इसे बच्चों और परिवारों के बीच हिट बनाया। X पोस्ट्स में इसे “भारतीय सुपरहीरो सिनेमा का गेम-चेंजर” कहा गया।
सांस्कृतिक और सिनेमाई प्रभाव
- सुपरहीरो जॉनर की शुरुआत: कृश ने भारतीय सिनेमा में सुपरहीरो जॉनर को स्थापित किया, जिसने बाद में कृश 3 और रॉवन जैसी फिल्मों को प्रेरित किया। यह पहली बार था जब भारतीय दर्शकों ने देसी सुपरहीरो को बड़े पैमाने पर स्वीकार किया।
- हृतिक रोशन का स्टारडम: हृतिक का किरदार कृष्णा मेहरा/कृश ने उन्हें एक एक्शन हीरो के रूप में स्थापित किया। उनकी फिजिकल परफॉर्मेंस और डांस (“दिल्लगी”) ने उन्हें युवा प्रशंसकों का चहेता बनाया।
- संगीत और प्रोडक्शन: राजेश रोशन का संगीत, विशेष रूप से “कोई तुमसा नहीं” और “प्यार की एक कहानी”, चार्टबस्टर रहा। सिंगापुर और मनाली के दृश्यों ने फिल्म को दृश्यात्मक रूप से आकर्षक बनाया।
- दीर्घकालिक प्रभाव: कृश ने भारतीय सिनेमा में VFX और एक्शन के लिए नए मानक स्थापित किए। इसकी सफलता ने कृश 3 (2013) और कृश 4 (आगामी) जैसे सीक्वल को प्रेरित किया। X पोस्ट्स में इसे 2000 के दशक की सबसे प्रभावशाली फिल्मों में गिना गया।
तुलनात्मक परिप्रेक्ष्य
2006 की अन्य बड़ी फिल्मों की तुलना में, कृश ने शानदार प्रदर्शन किया:
- धूम 2 (2006): ₹150.76 करोड़ (विश्वव्यापी)
- लगे रहो मुन्नाभाई (2006): ₹124.97 करोड़ (विश्वव्यापी)
कृश का ₹126.55 करोड़ का विश्वव्यापी कलेक्शन इसे उस साल की टॉप-5 फिल्मों में शामिल करता है। इसकी सफलता का श्रेय इसके अनोखे सुपरहीरो कॉन्सेप्ट और हृतिक की लोकप्रियता को जाता है।
निष्कर्ष
कृश (2006) न केवल एक बॉक्स ऑफिस ब्लॉकबस्टर थी, बल्कि भारतीय सिनेमा में एक मील का पत्थर भी साबित हुई। ₹126.55 करोड़ के विश्वव्यापी कलेक्शन के साथ, इसने साबित किया कि भारतीय दर्शक सुपरहीरो जॉनर को अपनाने के लिए तैयार हैं। हृतिक रोशन का करिश्माई प्रदर्शन, राकेश रोशन का विजन, और फिल्म का मनोरंजक मिश्रण इसे आज भी यादगार बनाता है। MoviePhilosophy के पाठकों के लिए, कृश एक ऐसी फिल्म है जो साहस, प्रेम, और बलिदान की भावना को दर्शाती है, और यह भारतीय सिनेमा के विकास की कहानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
स्रोत: बॉक्स ऑफिस डेटा बॉलीवुड हंगामा, सैकनिल्क, और बॉक्स ऑफिस इंडिया से लिया गया
Koi… Mil Gaya का सीक्वल, भारतीय सुपरहीरो जॉनर को आगे बढ़ाने वाली फिल्म। IMDb रेटिंग 6.4/10। एक्शन, संगीत और ऋतिक रोशन के प्रदर्शन को पसंद किया गया, हालांकि कहानी को औसत माना गया।
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