नमस्ते, दोस्तों! स्वागत है हमारे पॉडकास्ट में, जहाँ हम लाते हैं अनकही और रोमांचक कहानियाँ। आज का एपिसोड खास है, क्योंकि हम बात करेंगे 2025 की ब्लॉकबस्टर फिल्म छावा की, जो छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है। ये फिल्म शिवाजी सावंत के मराठी उपन्यास छावा से प्रेरित है, और इसमें विक्की कौशल और रश्मिका मंदाना जैसे सितारे हैं। लेकिन आज हम सतह से आगे जाएँगे, और जानेंगे इस फिल्म से जुड़े 10 ऐसे गहरे और अनोखे तथ्य, जो शायद आपको कहीं और न मिलें। तो तैयार हो जाइए, और चलिए डूबते हैं छावा की दुनिया में!
1. विक्की कौशल का अनरिहर्स्ड युद्ध नारा
छावा का एक सीन हर किसी के रोंगटे खड़े कर देता है—वो है संभाजी का आखिरी जंग से पहले का जोशीला भाषण। विक्की कौशल का किरदार चिल्लाता है, “ॐ नमः पार्वती पतिए हर हर महादेव!” क्या आप जानते हैं, ये नारा स्क्रिप्ट का हिस्सा नहीं था? जी हाँ, स्क्रिप्ट में सिर्फ “जय भवानी” और “हर हर महादेव” जैसे चिल्लाने वाले नारे थे। लेकिन विक्की ने सेट पर इतनी ताकत और जुनून के साथ ये लाइन बोली कि डायरेक्टर लक्ष्मण उटेकर ने इसे बिना किसी रिहर्सल के फाइनल कट में रख लिया। विक्की ने बाद में बताया कि वो उस पल में पूरी तरह संभाजी के किरदार में डूब गए थे, और ये नारा उनके दिल से निकला। इस सीन की सिनेमैटोग्राफी और विक्की की एनर्जी ने इसे फिल्म का सबसे यादगार हिस्सा बना दिया।
2. सेंसर बोर्ड के सख्त बदलाव
छावा को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से U/A 16+ रेटिंग मिली, लेकिन इसके लिए फिल्म को कई बदलावों से गुजरना पड़ा। CBFC ने कुछ डायलॉग्स को संवेदनशील माना और उन्हें बदलने का आदेश दिया। मसलन, “मुगल सल्तनत का ज़हर” जैसी लाइन को हटाकर एक न्यूट्रल डायलॉग डाला गया, जिसमें कहा गया कि “हर शासक अपनी सत्ता बचाने की जंग लड़ता है।” इसी तरह, “खून तो आखिर मुगलों का ही है” को बदलकर “खून तो है औरंग का ही” कर दिया गया। कुछ शब्द जैसे “हरामज़ादा” और “हरामज़ादों” को म्यूट किया गया, और “आमीन” जैसे शब्द को “जय भवानी” से रिप्लेस किया गया। एक सीन, जिसमें मराठा योद्धा साड़ी पहने दिखते थे, उसे पूरी तरह हटा दिया गया। इसके अलावा, उम्र से जुड़े संदर्भ भी बदले गए—जैसे “16 साल” को “14 साल” और “22 साल का लड़का” को “24 साल का लड़का”। CBFC ने एक डिस्क्लेमर भी जोड़ा, जिसमें कहा गया कि फिल्म उपन्यास छावा पर आधारित है और इसका मकसद ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ना-मरोड़ना नहीं है। ये बदलाव बताते हैं कि फिल्म को लेकर कितना सावधानी बरती गई, ताकि कोई विवाद न हो।
3. अजय देवगन का आखिरी मिनट का वॉइसओवर
छावा में एक खास आवाज़ है, जो कहानी को और गहराई देती है—और वो है अजय देवगन की। जी हाँ, अजय देवगन ने फिल्म के लिए एक वॉइसोवर रिकॉर्ड किया, लेकिन ये फैसला रिलीज़ से बस एक हफ्ते पहले लिया गया। फरवरी 2025 में, जब फिल्म अपने फाइनल टचअप्स से गुजर रही थी, डायरेक्टर ने सोचा कि अजय की दमदार आवाज़ कहानी को और प्रभावशाली बनाएगी। अजय ने तुरंत हामी भरी, और स्टूडियो में जाकर वॉइसोवर रिकॉर्ड किया। ये छोटा सा योगदान फिल्म के नैरेटिव को और मज़बूत करता है, और दर्शकों को एक सरप्राइज़ देता है।
4. औरंगज़ेब के प्रेयर कैलस की गड़बड़
अक्षय खन्ना ने औरंगज़ेब का किरदार इतनी शिद्दत से निभाया कि लोग उनकी तारीफ करते नहीं थकते। लेकिन कुछ सजग दर्शकों ने एक छोटी सी डिटेल पकड़ी। औरंगज़ेब के माथे पर प्रार्थना का निशान, यानी प्रेयर कैलस, जो बार-बार नमाज़ पढ़ने से बनता है, हर सीन में अलग दिखता है। कहीं इसका आकार बड़ा है, कहीं छोटा, और कहीं इसकी जगह ही बदल जाती है। ये शायद मेकअप डिपार्टमेंट की चूक थी, लेकिन इसने औरंगज़ेब के किरदार में एक अनजाना रहस्य जोड़ दिया। सोशल मीडिया पर कुछ लोग मज़ाक में कहते हैं कि शायद ये औरंगज़ेब की बदलती मन:स्थिति का प्रतीक है! बहरहाल, ये छोटी सी बात फिल्म के गहरे प्रशंसकों के लिए एक दिलचस्प चर्चा का विषय बन गई।
5. VFX और पोस्ट-प्रोडक्शन का जादू
छावा की भव्य जंगें, विशाल किले, और 17वीं सदी का माहौल—ये सब VFX की देन है। फिल्म की शूटिंग मई 2024 में खत्म हुई थी, लेकिन इसके बाद कई महीनों तक पोस्ट-प्रोडक्शन चला। Assemblage Entertainment और ReDefine जैसी कंपनियों ने VFX सुपरवाइज़र गैरी ब्राउन, साइमन फ्रेम, और सोमेश समित घोष के साथ मिलकर इन सीन्स को बनाया। जंग के दृश्यों में सैकड़ों सैनिक, घोड़े, और हथियार डिजिटली जोड़े गए, ताकि वो असली लगें। एक इंटरव्यू में लक्ष्मण उटेकर ने बताया कि VFX टीम ने मराठा युद्ध शैली को रीक्रिएट करने के लिए इतिहासकारों से सलाह ली थी। इस मेहनत का नतीजा है कि फिल्म का हर फ्रेम आपको उस दौर में ले जाता है।
6. ऐतिहासिक सटीकता पर विवाद
छावा ने छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता को बड़े पर्दे पर दिखाया, लेकिन कुछ इतिहास प्रेमियों ने फिल्म की सटीकता पर सवाल उठाए। मसलन, फिल्म में संभाजी को ऐसा दिखाया गया कि वो मुगलों से नहीं लड़ना चाहते थे, जो इतिहास से मेल नहीं खाता। संभाजी ने मुगलों के खिलाफ कई जंगें लड़ीं और मराठा साम्राज्य को मज़बूत किया। इसके अलावा, उनके जीवन के कुछ हिस्से, जैसे एक वक्त में मुगलों से उनका जुड़ाव या उनकी ऐशो-आराम की ज़िंदगी, को फिल्म में जगह नहीं दी गई। रेडिट और X जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लोग कह रहे हैं कि फिल्म संभाजी को एक परफेक्ट हीरो की तरह दिखाती है, जो इतिहास को सरल बनाता है। कुछ का सुझाव है कि फिल्म देखने के बाद संभाजी की जीवनी या शिवाजी सावंत का उपन्यास छावा पढ़ें, ताकि उनकी पूरी कहानी समझ आए।
7. राजनीतिक बवाल और सामाजिक तनाव
छावा की रिलीज़ के बाद भारत में राजनीतिक और सामाजिक माहौल गरमा गया। कुछ लोगों ने फिल्म पर मुस्लिम-विरोधी भावनाएँ भड़काने का आरोप लगाया, और इसे द कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्मों से जोड़ा। नेताओं जैसे अबू आज़मी और असदुद्दीन ओवैसी ने औरंगज़ेब की तारीफ की, जिससे हिंदू संगठन जैसे विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल भड़क गए। 17 मार्च 2025 को नागपुर में दंगे भड़क उठे, और छत्रपति संभाजीनगर में औरंगज़ेब की कब्र को तोड़ने की धमकियाँ दी गईं। ये विवाद बताता है कि छावा सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक ऐसा विषय बन गया, जो इतिहास और वर्तमान को जोड़ता है। फिल्ममेकर्स ने कहा कि उनका मकसद किसी समुदाय को निशाना बनाना नहीं था, लेकिन ये घटनाएँ दिखाती हैं कि ऐतिहासिक फिल्में कितनी संवेदनशील हो सकती हैं।
8. ए.आर. रहमान के स्कोर पर मिली-जुली प्रतिक्रिया
छावा का म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर मशहूर संगीतकार ए.आर. रहमान ने दिया। रहमान का नाम ही अपने आप में एक ब्रांड है, लेकिन इस बार उनका स्कोर कुछ दर्शकों को निराश कर गया। कई लोगों ने कहा कि बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म के तीव्र और जोशीले मूड से मेल नहीं खाता। खासकर जंग के सीन में, जहाँ मराठा योद्धाओं का उग्र रूप दिखाया गया, कुछ दर्शकों को लगा कि म्यूजिक में वो जोश गायब था। X पर कुछ फैन्स ने रहमान की तारीफ की, लेकिन कुछ यूज़र्स ने लिखा कि अगर अजय-अतुल जैसे कंपोज़र होते, तो शायद मराठा भावनाओं को बेहतर ढंग से दर्शाया जाता। फिर भी, रहमान के कुछ ट्रैक्स, खासकर इमोशनल सीन्स में, दिल को छूते हैं।
9. स्टंटमैन की अद्भुत मेहनत
छावा के एक्शन सीन्स इसकी जान हैं, और इसके पीछे स्टंटमैन की मेहनत छिपी है। ट्रेलर लॉन्च के दौरान विक्की कौशल ने एक इमोशनल किस्सा शेयर किया। उन्होंने बताया कि कई स्टंटमैन ने रमज़ान के दौरान, बिना खाना-पानी के, घंटों तक जटिल एक्शन सीन्स शूट किए। उनकी ये लगन सिर्फ इसलिए थी ताकि संभाजी महाराज की वीरता को स्क्रीन पर पूरी शिद्दत से दिखाया जा सके। विक्की ने कहा, “ये लोग असली हीरो हैं, जिनके बिना ये फिल्म वैसी नहीं बन पाती।” इस किस्से से पता चलता है कि छावा के पीछे कितना पसीना और जुनून था।
10. बॉक्स ऑफिस का धमाल और मिश्रित समीक्षा
छावा ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया। फिल्म ने दुनियाभर में 783 से 807 करोड़ रुपये की कमाई की, यानी ये 2025 की सबसे बड़ी हिट्स में से एक थी। विक्की कौशल की परफॉर्मेंस को क्रिटिक्स ने उनकी अब तक की सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस में से एक बताया। उनके डायलॉग डिलीवरी, बॉडी लैंग्वेज, और इमोशनल डेप्थ ने संभाजी को जीवंत कर दिया। लेकिन फिल्म को मिश्रित रिव्यूज़ भी मिले। कुछ क्रिटिक्स ने कहा कि फिल्म की रफ्तार धीमी है, और आखिरी हिस्सा, खासकर क्लाइमेक्स, इतना हिंसक है कि उसे “टॉर्चर पॉर्न” की तरह महसूस होता है। ऐतिहासिक बदलावों पर भी सवाल उठे। फिर भी, दर्शकों ने इसे खूब प्यार दिया, और सोशल मीडिया पर #Chhaava ट्रेंड करता रहा।
आउट्रो
तो दोस्तों, ये थे छावा के 10 गहरे और अनोखे तथ्य। ये फिल्म सिर्फ एक सिनेमाई अनुभव नहीं, बल्कि छत्रपति संभाजी महाराज की गौरव गाथा को नई पीढ़ी तक ले जाने की कोशिश है। क्या आपने छावा देखी? आपको इसमें सबसे ज़्यादा क्या पसंद आया? और अगर आप चाहते हैं कि हम इस फिल्म के किसी खास पहलू पर और बात करें, तो हमें कमेंट्स में ज़रूर बताएँ। तब तक, इतिहास को जीवित रखें, और अगले एपिसोड में मिलते हैं एक नई कहानी के साथ। जय भवानी, जय शिवाजी!