त्रिशूल (1978) – विस्तृत मूवी रीकैप
निर्देशक: यश चोपड़ा
लेखक: सलीम-जावेद
कलाकार: अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार, शशि कपूर, हेमा मालिनी, राखी, वहीदा रहमान, प्रेम चोपड़ा
संगीत: खय्याम
शैली: ड्रामा, बदला, फैमिली रिवेंज
भूमिका
“त्रिशूल” हिंदी सिनेमा की सबसे शक्तिशाली बदला लेने वाली पारिवारिक फिल्मों में से एक है।
- यह फिल्म एक बेटे की अपने पिता से बदला लेने की कहानी है, जो उसे और उसकी मां को छोड़कर चला गया था।
- अमिताभ बच्चन ने इसमें “एंग्री यंग मैन” के रूप में शानदार अभिनय किया।
- संजीव कुमार का दमदार किरदार, शशि कपूर की ईमानदारी और यश चोपड़ा का बेहतरीन निर्देशन इसे एक जबरदस्त फैमिली ड्रामा बनाते हैं।
कहानी
प्रारंभ: एक अधूरी प्रेम कहानी
- कहानी की शुरुआत होती है राज कुमार गुप्ता (संजीव कुमार) और शांति (वहीदा रहमान) से।
- राज कुमार एक महत्वाकांक्षी बिजनेसमैन होता है, जो शांति से सच्चा प्यार करता है।
- लेकिन जब उसे एक अमीर लड़की की बेटी से शादी करने का मौका मिलता है, तो वह शांति को छोड़ देता है।
- शांति अपनी गरीबी में अपने बेटे विजय (अमिताभ बच्चन) को जन्म देती है और उसे अकेले पालती है।
- मौत से पहले शांति विजय को कसम दिलाती है कि वह अपने पिता से अपना हक लेकर रहेगा।
डायलॉग:
- “मैं तुम्हें वो सबकुछ दूंगा, जो तुम्हारे बाप ने हमें कभी नहीं दिया!”
विजय का बदला – एक महत्वाकांक्षी मिशन
- विजय बड़ा होकर एक कठोर, आत्मनिर्भर और क्रोध से भरा इंसान बन जाता है।
- अब उसका एक ही मकसद होता है – अपने पिता के बिजनेस को तबाह करना और उसे हराना।
गाना:
- “जब कोई बात बिगड़ जाए” – विजय के संघर्ष और दर्द को दर्शाने वाला गीत।
राज कुमार गुप्ता और उसके परिवार की दुनिया
- इस बीच, राज कुमार गुप्ता एक सफल बिजनेसमैन बन जाता है और उसका एक बेटा है शेखर (शशि कपूर)।
- शेखर अपने पिता के नक्शे-कदम पर चलता है, लेकिन वह ईमानदार और नेकदिल इंसान है।
- राज कुमार अपने बेटे को अपनी कंपनी का उत्तराधिकारी बनाना चाहता है।
- लेकिन विजय की बदले की आग उसकी जिंदगी में तूफान लाने वाली थी।
विजय बनता है बिजनेस टायकून – बाप के खिलाफ युद्ध शुरू
- विजय अपने पिता की ही कंपनी के खिलाफ एक प्रतिद्वंदी कंपनी शुरू करता है।
- वह राज कुमार की कंपनी के हर बड़े प्रोजेक्ट को हथियाने लगता है।
- धीरे-धीरे, विजय अपने पिता के बिजनेस को बर्बाद करने में कामयाब होने लगता है।
डायलॉग:
- “ये इमारत खड़ी करने के लिए मेरे बाप ने मेरी मां को गिरा दिया था, अब मैं इस इमारत को गिराने आया हूं!”
दो भाइयों का आमना-सामना – विजय बनाम शेखर
- शेखर को इस सच्चाई का कोई अंदाजा नहीं था कि विजय कौन है।
- वह सोचता है कि विजय सिर्फ बिजनेस राइवल है।
- लेकिन विजय की तेज़ चालें और बिजनेस पर कब्जे की रणनीति धीरे-धीरे शेखर को चिंता में डाल देती हैं।
रोमांस – विजय और गीता, शेखर और शीला
- विजय की मुलाकात होती है गीता (राखी) से, जो एक सशक्त और स्वतंत्र महिला होती है।
- दोनों के बीच आक्रामक लेकिन भावनात्मक रिश्ता बनता है।
- दूसरी ओर, शेखर की मुलाकात होती है शीला (हेमा मालिनी) से, और वे दोनों प्यार में पड़ जाते हैं।
गाना:
- “तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है” – रोमांस और भावनाओं को दर्शाने वाला गीत।
क्लाइमैक्स – सच्चाई सामने आती है
- अंततः, विजय अपने पिता के सामने सच्चाई उजागर कर देता है।
- “मैं तुम्हारा नाजायज़ बेटा हूं!” – यह सुनकर राज कुमार गुप्ता हिल जाता है।
- राज कुमार का पूरा साम्राज्य विजय के हाथों बर्बाद हो जाता है।
- विजय अपना बदला लेने में सफल हो जाता है, लेकिन उसे अपने अंदर की नफरत का एहसास होता है।
डायलॉग:
- “अगर मेरा बाप मुझसे मेरा हक छीन सकता था, तो अब मैं उससे उसका सबकुछ छीनूंगा!”
अंत – परिवार का पुनर्मिलन
- आखिर में, राज कुमार को अपने किए का पछतावा होता है और वह अपने दोनों बेटों को गले लगा लेता है।
- विजय को समझ में आता है कि नफरत से ज्यादा प्यार की ताकत बड़ी होती है।
- फिल्म का अंत परिवार के पुनर्मिलन और विजय के गुस्से के अंत के साथ होता है।
फिल्म की खास बातें
1. अमिताभ बच्चन का दमदार “एंग्री यंग मैन” अवतार
- अमिताभ बच्चन इस फिल्म में पूरी तरह से बदले की आग में जलते इंसान बने थे।
- उनका डायलॉग डिलीवरी, बॉडी लैंग्वेज और स्क्रीन प्रेजेंस अविस्मरणीय था।
2. संजीव कुमार और शशि कपूर का शानदार अभिनय
- संजीव कुमार का पावरफुल परफॉर्मेंस फिल्म का दिल था।
- शशि कपूर ने ईमानदार और जिम्मेदार बेटे का किरदार बखूबी निभाया।
3. जबरदस्त संवाद और सलीम-जावेद की बेहतरीन स्क्रिप्ट
- “मेरे पास मां है” – दीवार के बाद, इस फिल्म में भी मां-बेटे का जबरदस्त इमोशनल एंगल था।
- फिल्म के हर डायलॉग में ताकत और गहराई थी।
4. खय्याम का बेहतरीन संगीत
- “जब कोई बात बिगड़ जाए” – यह गाना आज भी क्लासिक है।
- “तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है” – रोमांस का बेहतरीन गीत।
5. यश चोपड़ा की जबरदस्त निर्देशन कला
- फिल्म में इमोशंस, ड्रामा, एक्शन और बदला लेने की कहानी का परफेक्ट संतुलन था।
- मां-बेटे का रिश्ता, भाइयों की जंग और परिवार का संघर्ष बेहतरीन तरीके से दिखाया गया।
निष्कर्ष
“त्रिशूल” सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि बदले, परिवार और प्यार की सबसे बेहतरीन कहानी है!
“अगर आपने ‘त्रिशूल’ नहीं देखी, तो आपने बॉलीवुड का सबसे दमदार बदला लेने वाला ड्रामा मिस कर दिया!”
“मैं तुम्हें वो सबकुछ दूंगा, जो तुम्हारे बाप ने हमें कभी नहीं दिया!” – विजय का यह डायलॉग आज भी याद किया जाता है!
Best Dialogues and Quotes
1. “मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता।”
यह संवाद सम्मान और स्वाभिमान की बात करता है, जहां व्यक्ति किसी भी प्रलोभन के आगे नहीं झुकता।
2. “जिनके अपने घर शीशे के हों, उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए।”
यह जीवन का एक महत्वपूर्ण सबक है कि हमें दूसरों की कमियों पर उंगली नहीं उठानी चाहिए जब हम खुद भी परिपूर्ण नहीं हैं।
3. “मैं तुम्हारी सारी दुनियादारी अपने एक फैसले से बदल दूंगा।”
यह संवाद आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय का प्रतीक है, जिसमें व्यक्ति अपनी क्षमताओं पर पूरा भरोसा रखता है।
4. “हम वो हैं जो वक्त को बदल देते हैं।”
यह कहता है कि इंसान की दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत से वह अपनी तकदीर बदल सकता है।
5. “जो लोग अपने सपनों का पीछा करते हैं, वही अपनी तकदीर बनाते हैं।”
यह प्रेरणादायक विचार है कि सपनों को साकार करने के लिए निरंतर प्रयास आवश्यक है।
6. “मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है।”
यह कहता है कि केवल सपने देखना काफी नहीं है, उन्हें पूरा करने का जुनून भी होना चाहिए।
7. “जो हार कर भी जीतता है, वही बाजीगर कहलाता है।”
यह जीवन में संघर्ष और हार के बावजूद विजय प्राप्त करने की प्रेरणा देता है।
8. “इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन उसका अहंकार होता है।”
यह अहंकार के दुष्परिणामों के प्रति सचेत करता है, जो व्यक्ति को विनाश की ओर ले जाता है।
9. “सफलता का असली मजा तभी आता है जब उसे पाने के लिए संघर्ष किया हो।”
यह कहता है कि कठिन परिश्रम से मिली सफलता की खुशी अद्वितीय होती है।
10. “जो अपने आप पर विश्वास करता है, वही दुनिया को बदल सकता है।”
यह आत्मविश्वास की शक्ति को दर्शाता है, जो व्यक्ति को असंभव को संभव बनाने की ताकत देता है।
11. “वक्त के साथ बदलना नहीं, वक्त को बदलना सीखो।”
यह सिखाता है कि परिस्थितियों के साथ समझौता करने के बजाय उन्हें अपने अनुकूल बनाना चाहिए।
12. “हर इंसान की कीमत उसके कर्मों से होती है।”
यह कर्म की महत्ता को दर्शाता है, जो व्यक्ति के मूल्य और प्रतिष्ठा को तय करता है।
13. “सपने वो नहीं जो हम सोते वक्त देखते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते।”
यह कहता है कि सच्चे सपने वे होते हैं जो हमें जागते हुए भी प्रेरित करते हैं।
14. “किसी की कमजोरी का फायदा उठाना सबसे बड़ी कमजोरी होती है।”
यह नैतिकता और सच्चाई की बात करता है, जहां दूसरों की कमजोरियों का इस्तेमाल गलत है।
15. “जो दूसरों की गलती माफ नहीं कर सकते, वो अपने लिए भी माफी की उम्मीद न करें।”
यह क्षमा के महत्व को बताता है, जो व्यक्ति को आत्मिक शांति और संबंधों में मिठास लाता है।
16. “हमारे कर्म ही हमारी पहचान होते हैं।”
यह कर्म के आधार पर व्यक्ति की पहचान और सम्मान की बात करता है।
17. “इंसान का सबसे बड़ा साथी उसका आत्मविश्वास होता है।”
यह आत्मविश्वास की अहमियत को दर्शाता है, जो हमें किसी भी परिस्थिति में खड़ा रहने की शक्ति देता है।
18. “जो वक्त के साथ चलता है, वो कभी पीछे नहीं छूटता।”
यह समय के अनुसार खुद को ढालने की आवश्यकता को दर्शाता है, जिससे व्यक्ति हमेशा प्रगति की ओर बढ़ता है।
19. “हर जीत के पीछे एक कड़ी मेहनत छुपी होती है।”
यह कहता है कि सफलता के पीछे की मेहनत को समझना और उसका सम्मान करना चाहिए।
20. “सच्चाई की राह पर चलने के लिए साहस चाहिए।”
यह सच्चाई की राह पर चलने की चुनौती और उसके लिए आवश्यक साहस की बात करता है।
Interesting Facts
फिल्म का शीर्षक प्रेरित
“त्रिशूल” का शीर्षक महाभारत के त्रिशूल से प्रेरित है, जो शक्ति और प्रतिशोध का प्रतीक है।
अमिताभ बच्चन का विशेष संवाद
फिल्म में अमिताभ बच्चन का संवाद “मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता” बेहद लोकप्रिय हुआ और आज भी याद किया जाता है।
यश चोपड़ा का निर्देशन
यश चोपड़ा ने “त्रिशूल” का निर्देशन किया था, जो उनकी सबसे सफल फिल्मों में से एक मानी जाती है।
सुर्खियों में रही कहानी
फिल्म की कहानी एक युवा व्यक्ति के अपने पिता के खिलाफ प्रतिशोध की कहानी है, जो अपने समय की अन्य फिल्मों से अलग थी।
संजीव कुमार की भूमिका
संजीव कुमार ने फिल्म में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी, जो कि उनके करियर की सबसे यादगार भूमिकाओं में से एक मानी जाती है।
शानदार संगीत
फिल्म का संगीत खय्याम ने तैयार किया था और इसके गाने बहुत हिट हुए थे, जैसे “मोहब्बत बड़े काम की चीज़ है”।
अमिताभ-शशि की जोड़ी
अमिताभ बच्चन और शशि कपूर की जोड़ी ने इस फिल्म में दर्शकों को खूब प्रभावित किया और यह जोड़ी कई हिट फिल्मों में नजर आई।
लेखक जोड़ी सलीम-जावेद
फिल्म की पटकथा सलीम-जावेद की जोड़ी ने लिखी थी, जिन्होंने 1970 और 1980 के दशक में कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं।
फिल्म की शूटिंग लोकेशन
“त्रिशूल” की शूटिंग मुख्य रूप से दिल्ली और मुंबई में की गई थी, जो उस समय के लिए एक बड़ा आकर्षण था।
पुरस्कार और नामांकन
फिल्म को कई पुरस्कार और नामांकन प्राप्त हुए थे, जो इसे एक महत्वपूर्ण फिल्म बनाते हैं।
“मोहब्बत बड़े काम की चीज़ है – किशोर कुमार, लता मंगेशकर”
“गपुच्छी गपुच्छी गम गम – किशोर कुमार, लता मंगेशकर”
“जनम जनम का साथ है – किशोर कुमार, लता मंगेशकर”
“मोहब्बत बड़े काम की चीज़ है (सैड) – लता मंगेशकर”
“तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम – किशोर कुमार, लता मंगेशकर”